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निवेदन

महात्मा गांधीजी भारत के सर्वमान्य नेता और विश्व पूज्य मानव थे। संसार की सबसे शक्तिशाली जाति अंग्रेजों से निहत्थे टक्कर लेना और मुठ्ठीभर अहिंसक सत्याग्रहियों को लेकर उनकी विशाल सेना को निरर्थक कर देना, कोई हँसीखेल की बात नहप थी। परन्तु इस महात्मा ने यह महान आश्चर्य कर दिखाया और हमारे प्यारे देश को स्वतंत्र कराया है।

महात्माजी को बालकों से अत्याधिक प्रेम था और उनके साथ खेलकर वे कभी नहप अघाते थे। बच्चों का साथ पाकर वे ऐसे ही प्रसन्न हो उठते थे, जैसे कोई बच्चा खिलौना पाकर खिल उठता है। सभागसोसायटी, मीटिंग, चलते-फिरते, काम करते हर समय उन्हें बच्चों का सहयोग प्रिय था।

इस पुस्तक के लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि महात्माजी के बाल-प्रेम पर प्रकाश डाला जाए और उनके गुणों को उदाहरण के साथ प्यारे बच्चों के सामने रखा जाए जिससे हमारे बालक कुछ सीख सकें और उन पर अमल करके अपने जीवन को उज्वल बना सकें।

- शशिकान्त कदम राजे