50. प्रेम |
क्या बात है कि हम सब गांधीजीसे इतना ज्यादा प्रेम करते हैं? बात यह है कि उनके दिलमें हमारे लिए प्रेम ही प्रेम भरा हुआ है । क्या वजह है कि गांधीजी किसीको कोई दुश्मनी नहीं । वजह यह है कि उनके दिलमें किसीके लिए कभी दुश्मनीके खयाल ही नही आते । गांधीजी अंग्रेज सरकारके अत्याचारोंका कडे़से कडा़ विरोध करते हैं, फिर भी बहुतेरे अंग्रेज हैं, जो गांधीजीसे मुहब्बत रखते हैं । इसलिए कि गांधीजीके मनमें अंग्रेजोंके लिए भी प्रेम ही भरा हुआ है । तुमसे कोई काम बिगड़ जाय, कोई गलती हो जाय, और मैं तुम पर गुस्सा होऊँ, तो इसमें मेरी बडा़ई क्या? ऐसा तो जानवर भी करते हैं । आदमी वह है, जो गुनहगारोंको भी अपने प्यारसे नहलाता रहे, प्रेमके साथ उनकी शरारतोंको सहता रहे । गांधीजी ऐसा ही करते हैं । वे किसीसे दुश्मनी नहीं रखते, इसलिए उन्हें भी कोई अपना दुश्मन नहीं समझता। वे सबको अपने प्रेमसे नहलाते रहते हैं, इसीसे हमारे दिलोंमें भी उनके लिए प्रेम ही भरा रहता है । |