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गांधीजीकी विशेषतायें

गांधीजीकी कुछ विशेषतायें, उनकी कुछ खासियतें, जानने लायक हैं ।

वे कभी धीमी या सुस्त चालसे नहीं चलते । उनकी चालमें हमेशा फुर्ती रहती है ।

वे कभी झुककर या सिमटकर नहीं बैठते । हमेशा तनकर और स्थिर आसनसे बैठते हैं ।

वे कभी मेजका सहारा लेकर नहीं लिखते । तनकर बैठते और घुटनों पर कागज रखकर ही लिखते हैं ।

वे जो कुछ लिखते हैं, उसे दुबारा पढ़कर ही आगे जाने देते हैं । एक छोटा-सा कार्ड लिखेगें, तो उसे भी दुबारा पढ़ेंगे, जो कुछ घटाना-बढा़ना होगा, घटायेंगे-बढा़येंगे, और तभी उसे डाकखाने जाने देंगे ।

उन्हें सफाई और सुघड़ता बहुत प्यारी है । यही वजह है कि वे अपने कपडे़-लत्ते और दूसरी चीजोंको हमेशा बहुत ही साफ और सजावटके साथ करते हैं ।

गांधीजी हरएक कामको बडी़ खूबी और बारीकीके साथ करते हैं ।

वे अपना फोटू खिंचवाने नहीं बैठते ।

वे काममें कितने ही क्यों न मशगूल हों, फिर भी कोई बालगोपाल, कोई राजा-बेटा, उनके पास जा पहुँचता है, तो वे उससे खेले बिना रह नहीं सकते ।

बातचीत करते समय गांधीजी अकसर खूब खिलखिलाकर हँसते हैं । हँसते क्या हैं, मानो फूल बिखेरते हैं ।