गांधी : वर्तमान परिपेक्ष्य में |
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वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधीजी की आड़ लेकर वर्तमान नेता किस प्रकार से अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। गांधीवादी विचारधारा की दिशा कहाँ से कहाँ मुड़ गई। गांधी-नीतियों का अब क्या हश्र होने लगा है। इस पर हमारे देश के व्यंग्य चित्रकारों ने बहुत सुंदर-सुंदर टिप्पणियाँ अपने व्यंग्य चित्रों के माध्यम से की हैं। ये व्यंग्य चित्र न केवल गांधीवादिता को वर्तमान संदर्भ में मूल्यांकित करने में सक्षम हैं, अपितु मौजूदा राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनैतिकता, अराजकता को भी स्पष्ट करते हैं। इन व्यंग्य चित्रों में आज के मौजूदा हालातों का बेवाक चित्रण देखने को मिलता है। आइए, देखें ऐसे ही कुछ व्यंग्य चित्र।
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