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लुई फिशर

 

86. ‘गाँधीजी और टैगोर’

गाँधीजी और टैगोर समकालीन थे । दोनों ही भारत के पुनरुत्थान के उद्देश्य से गहरे जुडे़ हुए थे ।

परन्तु गाँधीजी थे अनाज के खेत जैसे;

टैगोर थे गुलाब के बाग जैसे ।

गाँधीजी थे कर्मरत हस्त जैसे;

टैगोर सुरीले कंठ जैसे ।

गाँधीजी थे सेनापति ।

टैगोर थे अग्रदूत

गाँधीजी थे कृश तपस्वी,

टैगोर थे शाही पुरुष ।

परन्तु भारत और मानवजाति के प्रति प्रेम के संबंध में दोनों में एकरागता थी ।