| | |

जीवतराम कृपालानी

 

76. ‘क्या गाँधीजी आधुनिक थे ?’

सत्य से जुडे़ रहना और नीति, नियमों को सर्वोपरि मानना यदि आधुनिकता का लक्षण हो तो गाँधीजी आधुनिक थे ।

वचन का पालन करना और ली हुई जिम्मेदारी निभाना यदि आधुनिकता का लक्षण हो तो गाँधीजी आधुनिक थे ।

यदि सहिष्णुता और समझदारी को आधुनिक कहते हों तो गाँधीजी को आधुनिक मानना ही पडे़गा ।

अपने से अलग राय रखनेवाले अथवा अपने विरोधियों के साथ भी स्वस्थ बर्ताव करना, यदि आधुनिक मानें तो गाँधीजी आधुनिक थे ।

यदि सत्ता, संपत्ति, स्तर और ओहदे का ख्याल किये बिना सबके प्रति समान सौजन्य-भाव रखना आधुनिकता का लक्षण हो तो बेशक गाँधीजी आधुनिक थे।

दीन-हीनों के साथ तादात्मय साध लेना यदि  आधुनिकता कही जाए तो गाँधीजी आधुनिक थे ।

गरीबों, दरिद्रों, दलितों व अभागों के लिए अनथक कार्य करना यदि आधुनिकता हो तो गाँधीजी आधुनिक थे ।

सविशेष तो यह कि किसी उत्तम उद्देश्य के लिए मृत्यु तक को स्वीकार कर लेना यदि आधुनिकता लक्षण माना जाये तो गाँधीजी आधुनिक थे ।