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मुकुलभाई कलार्थी

 

56. ‘इतने घबरा क्यों गए ?’

एक बार बा और बापू नित्य नियमानुसार टहलने गये । चलते हुए बापू को ठोकर लगी और अँगूठे से खून निकलने लगा ।

यह देख बापू ने बा से कहा; ‘अरे जल्दी से पट्टी ला कर अँगूठा बाँध दो ।’

बापू को इतना अधीर होते देख बा ने मीठी चुटकी लेते हुए कहाः ‘आप तो कहते हैं कि आपको मरण का भय नहीं है, फिर यह जरा-सी ठेस लगी और थोडा़-सा खून निकला, इसमें इतना घबरा क्यों गये ?’

सुनकर बापू बोलेः ‘इस देह पर लोगों का अधिकार है । मेरी लापरवाही से अँगूठे में पानी लगे और अँगूठा पर जाये तो सात-आठ दिन तक मेरे लिए काम करना मुश्किल हो जाए । ऐसे  में लोगों का कितना नुकसान होगा ! यह तो हम पर लोगों द्वारा सौंपे गये विश्वास का घात ही कहा जाएगा ना !’