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खण्ड 5 :
ईश्वर-भक्त


61. राम-नाम को पोषण

महात्माजी का उपवास जारी था । नासिक-जेल में उनके पत्र आते थे । पत्रों में अपने उपवास के बारे में अधिक न लिखकर स्वामी आनन्द के स्वास्थ्य की खबर पूछते थे । उपवास में भी वे दूसरों की चिंता करते थे । एक बार के पत्र में लिखा थाः

“यह सच है कि मैं अन्न नहीं लेता हूँ । पानी के सिवा कोई अन्य रस नहीं लेता हूँ । परन्तु राम-नाम का रस तो पोषण दे ही रहा है ।”