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खण्ड 4 :
प्रेम-सिन्धु

56. सोने का खिलौना

किसी भाई के यहाँ महात्माजी ठहरे थे । कुछ महत्त्वपूर्ण लेख लिख रहे थे । वहीं पास में एक छोटा बच्चा बहुत शोर मचा रहा था । कागज-पत्र बिखेर रहा था । परन्तु बापू ने उससे कुछ नहीं कहा । उसे खेलने-कूदने दिया । इतने में बच्चा रोने लगा । अब ? हरिजन कार्य के लिए किसीका दिया हुआ एक गहना गांधीजी के पास रखा हुआ था । गांधीजी ने वह सोने-जैसे उस नन्हें शिशु को खेलने के लिए दे दिया । बच्चा खेलने लगा, बापू लिखने लगे ।