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खण्ड 2 :
राष्ट्रपिता
 

21. अमराकी पत्रकारों को मौन का पाठ

सन् 1931 में गांधीजी जब इग्लैंड में थे, तब अमरीकी संवाददातोओ ने गांधीजी को एक दिन भोजन और भाषण के लिए आमंत्रित किया । गांधीजी ने आमन्त्रण स्वीकार कर लिया । मीराबहन साथ थीं । गांधीजी के लिए शुद्ध शाकाहार का प्रबन्ध था । गांधीजी बोलने के लिए खडे़ हुए । बोलेः “संवाददाताओं को संयम सीखना जरूरी है । मैं आपसे जो भी कहूँगा, वह न निजी बात है, न नयी । परन्तु मैं आपको संयम सिखाना चाहता हूँ । आज के दिन आप लोग मौन रखें । यानी मैं यहाँ जो भी बोलूँगा, उसे लिखकर कहीं न भेजें ।’’

सारे संवाददाता लिख लेने के इरादे से जमा हुए थे । सब विभिन्न पत्रों में भाषण की रिपोर्ट प्रकाशित कराने के लिए कलम खोलकर तैयार थे । परन्तु गांधीजी के निवेदन को उन लोगों ने मान लिया । और उन अमरीकी संवाददातोओं ने न तो कुछ नोट लिया, न ही कुछ प्रकाशित किया ।