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खण्ड 1 :
कला-प्रेमी और विनोद

4. हस्ताक्षर के लिए शर्त

वेब मिलर एक अमरीकी पत्रकार थे । उन्होंने ‘मुझे शांति नहीं मिली’ (I found no peace) नामक एक पुस्तक लिखी है । उसमें उन्होंने गांधीजी का एक सुन्दर संस्मरण दिया है ।

सन् 1931 में गांधीजी गोलमेज-परिषद् के लिए विलायत गये थे । एक दिन बेव मिलर उनसे मिलने आये । खूब बाते होने पर सिगरेट का अपना डिब्बा आगे बढा़कर उन्होंने गांधीजी के कहाः “इस डिब्बे पर आप भी अपना हस्ताक्षर दीजिये ।’’

उस डिब्बे पर लायड जार्ज, फ्रेंच राजनीतिज्ञ क्लेमेंकी आदि प्रख्यात व्यक्तियों के हस्ताक्षर थे । गांधीजी ने डिब्बा हाथ में लिया । खोलकर देखा और हँसते हुए कहाः “सिगरेट की यह डिबिया हैं । धूम्रपान के सम्बन्ध में मेरे विचार आप जानते ही हैं । मुझे यह कैसे पसंद होगा कि मेरा नाम तंबाकू से ढँका जाय ? अगर आप वचन दें कि इस डिब्बे में सिगरेट कभी नहीं रखेंगे, तो मैं हस्ताक्षर दूँगा ।’’

वेब मिलर ने वचन दिया और गांधीजी ने हस्ताक्षर दिये । तब से वह अमरीकी पत्रकार उस डिब्बे में विजिटिंग कार्ड रखने लगे । वह लिखता हैः डिब्बे पर अनेक लोगों के हस्ताक्षर थे । परन्तु गांधीजी का हस्ताक्षर सबसे स्वच्छ और स्पष्ट था ।