खण्ड 1 : बच्चों के बापू
5. राष्ट्र का पिता |
उन दिनों गांधीजी महाबलेश्वर में थे । रोज की तरह वे शाम को घू मने निकले । पास के गाँव का 10-12 वर्ष का बच्चा रास्ते के किनारे पर हाथ जोड़कर खडा़ था । कमर में केवल एक मैली लँगोटी थी । कन्धे पर एक मैला-कुचैला चिथडा़ था । स्नान भी शायद कई दिन से नहीं किया था । गांधीजी ने अपने एक साथी से कहाः ‘‘उससे उसका वह कपडा़ मांग लो। कहना, कल ला देंगे । वह लड़का दे नहीं रहा था । ‘‘कल यहीं आओगे तो मिठाई देगे’’ – ऐसा उसे कहने के लिए बता कर गांधीजी आगे निकल गये ।
दूसरे
दिन घूमने निकलने का समय हूआ । गांधीजी ने प्यारेलालजी से कुछ खादी के
कपडे़, खाने की चीज और साबुन-बार साथ में ले चलने को कहा । |